रविवार, 31 अगस्त 2014


आठवनी
अलगत तु हसुन जवळ यावे
हळुच कानात हितगुज करून
म्हणावे काय करतेस....
     
     अन मी त्या शब्दानी मोहरूण जावे
     अन हळुच म्हणावे....  

                   आठवण त्या क्षणाची             
                   ज्यावेळेस तुझे शब्द
                   माझ्या मनास भिड़त जाऊन
                   मनाला मोहरूण टाकायचे....


ती प्रेमाची पहिली अनुभूती..
ती पहिली आतुरता..
तो हवा हवा सा वाटनारा स्पर्श..
मनाची घालवेल..
ती ओढ़..बघण्याची, भेटण्याची..
तो गोड सहवास....
   
  प्रेम..सुरू होत..कधीही न संपण्यासाठी
  फक्त विरह हा त्रासदायक असतो
  बाकी सर्व सुखद....!!!!                      

गुरुवार, 10 जनवरी 2013

सच्ची मुस्कान..!!

"जिंदगी हंसने गाने के लिए है पल दो पल
इसे खोना नही खोके रोना नही"

   मुस्कुराहट के अनेक पहलु हो सकते है
शिशु अवस्था मे बच्चे की खिलखिलाती हंसी
या निंद मे प्यारी सी मुस्कुराहट
दिल को बागबाग कर देती है....
   जैसे ही बच्चा बडा होने लगता है तो
हंसी के मायने बदलने लगाते है....
  लोग औपचारीकता निभाने के लिये
चेहरे पर मुस्कुराहट लाते है,,,
इसे दिखावटी मुस्कुराहट कह सकते है
या किसी कि आलोचना करने हेतु हंस देते है..
   लेकिन हम जिंदगी के उतारचढाव मे
अपने आंतरिक मुस्कुरहट को कही भुले तो नही ?
याद किजिए आप दिल खोल कर कब मुस्कुराए थे
लगता है बहोत दिन हो गए तो आइए आज
"LAUGHING DAY" मना कर अपने होठो पर
वही सच्ची मुस्कुराहट लाए...!!!!