गुरुवार, 10 जनवरी 2013

सच्ची मुस्कान..!!

"जिंदगी हंसने गाने के लिए है पल दो पल
इसे खोना नही खोके रोना नही"

   मुस्कुराहट के अनेक पहलु हो सकते है
शिशु अवस्था मे बच्चे की खिलखिलाती हंसी
या निंद मे प्यारी सी मुस्कुराहट
दिल को बागबाग कर देती है....
   जैसे ही बच्चा बडा होने लगता है तो
हंसी के मायने बदलने लगाते है....
  लोग औपचारीकता निभाने के लिये
चेहरे पर मुस्कुराहट लाते है,,,
इसे दिखावटी मुस्कुराहट कह सकते है
या किसी कि आलोचना करने हेतु हंस देते है..
   लेकिन हम जिंदगी के उतारचढाव मे
अपने आंतरिक मुस्कुरहट को कही भुले तो नही ?
याद किजिए आप दिल खोल कर कब मुस्कुराए थे
लगता है बहोत दिन हो गए तो आइए आज
"LAUGHING DAY" मना कर अपने होठो पर
वही सच्ची मुस्कुराहट लाए...!!!!